GDP क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में।

जीडीपी क्या है (GDP Kya hai) कई बार आपके मन में यह सवाल आता होगा जब आप न्यूज़ चैनल देखते हैं तो कई बार जीडीपी का जिक्र होता है कि आज वर्तमान की जीडीपी में गिरावट आई या जीडीपी में बढ़ोतरी हुई। कई बार आपने समाचार के चैनलों पर देखा होगा जीडीपी की शुरुआत अमेरिका द्वारा की गई थी।

जीडीपी का विचार अमेरिकन अर्थशास्त्री साइमन ने 1935-44 के बीच में रखा था तब से अर्थव्यवस्था कितनी मजबूत है। उसका मापन करने के लिए जीडीपी का दर तय किया जाता है हर देश की जीडीपी उसके आर्थिक वृद्धि पर निर्भर करती है देश में चलने वाले व्यवसाय, उद्योग, खेती इस सभी को मध्य नजर रखते हुए जीडीपी का दर तय किया जाता है।

जीडीपी की गणना भारत में हर 3 महीने में की जाती है और उस पर आर्थिक बुद्धि के मापन द्वारा जीडीपी के दर को निकाला जाता है भारत में जितने भी उत्पादन क्षेत्र हैं उन सब उत्पादन क्षेत्रों का मापन करके जीडीपी दर निकाला जाता है।

GDP क्या है (GDP Kya hai)

जीडीपी का पूरा नाम ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट(Gross domestic product) है देश की आर्थिक स्थिति यानी कि सेहत मापने के लिए जीडीपी का प्रयोग किया जाता है। अगर सरल भाषा में कहें तो इससे घरेलू उत्पादन भी कहा जाता है जीडीपी का मापन हर 3 महीने में किया जाता है। अभी आपने देखा होगा कि कोरोना के चलते सभी उत्पादन बंद थे इसी के कारण 2020 की जीडीपी माइनस 23.99 प्रसिद्ध हो गई थी।

आप मान लीजिए 2010 में पूरे देश में 4 वस्तुएं बनी एक वस्तु की कीमत ₹100 है तो उसका कुल जीडीपी ₹400 हुआ परंतु वह वस्तु 2020 में आते-आते उसका उत्पादन उत्पादन २ हो गया परंतु उसकी कीमत ₹200 हो गई तो उसका नॉमिनल जीडीपी 400 रहा।

परंतु 2010 की कीमत ₹100 थी तो उसका वास्तविक की जीडीपी इस समय 200 गिना जाएगा क्योंकि उसका उत्पादन 2 है पर नॉमिनल जीडीपी 400 रहेगा।

GDP Kya hai
april-june 2020 Gdp

जीडीपी के प्रकार

दरअसल जीडीपी दो प्रकारों में विभाजित की जाती है जिसमें एक है वास्तविक जीडीपी और दूसरे को अवास्तविक जीडीपी भी बोला जाता है।

वास्तविक जीडीपी (Real GDP)

वास्तविक यानी रियल जीडीपी में वर्तमान में चल रहा है उत्पादन ऊपर खास ध्यान रखा जाता है। वास्तविक जीडीपी में महंगाई कि असर का भी समायोजित किया गया है। इस प्रकार की जीडीपी निकालने के लिए एक आधार वर्ष का चयन किया जाता है। जैसे कि भारत में 2011 को आधार वर्ष माना गया है उसकी कीमत और उसके वर्ष के उत्पादन के अनुसार वर्तमान जीडीपी की गणना की जाती है।

अवास्तविक GDP (Nominal GDP)

जब 1 वर्ष दरमियान जितनी वस्तु या सेवाओं का उत्पादन होता है उसमें वर्तमान बाजार की कीमत के आधार पर गणना की जाती है। तब नॉमिनल जीडीपी यानी कि अवास्तविक जीडीपी निकलती हैं अवास्तविक जीडीपी का कोई निर्धारित वर्ष नहीं होता है। यह चालू दरमियान जितनी वस्तु का सेवाओं का उत्पादन होता है उसके आधार पर निकाली जाती है।

GDP कौन तय करता है?

जीडीपी को नापने की जिम्मेदारी मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिक्स ऐंड प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन के तहत आने वाले सेंट्रल स्टेटिक्स ऑफिस की है।

GDP गिरने से क्या होता है?

कोई भी देश अपनी अर्थव्यवस्था पर चलता है। और अर्थव्यवस्था कितनी मजबूत है उसका मापन जीडीपी द्वारा किया जाता है।जितनी जीडीपी में growth ज्यादा होगी  उतनी ही अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

किसी भी देश की जीडीपी तब गिरती है जब उसका उत्पादन कम हो जाता है। जब उत्पादन कब होगा तो आवक कम होगी और उसके कारण उसका सीधा असर आम जनता पर पड़ता है। पैसे की तंगी आ जाती है गरीबी में बढ़ोतरी होती है जीडीपी गिरने से पूरे अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ता है।

आपने देखा होगा कि कोरोना के चलते सभी देशों की जीडीपी में गिरावट दर्ज की गई है। जिसमें भारत लास्ट कक्षा में पहुंच गया है उसका जीडीपी गिरने के बहुत सारे कारण थे कोरोना अकेला यह कारण नहीं था पर उसके पहले भी बहुत सारे निर्णय गवर्नमेंट के द्वारा लिए गए उसकी असर है। अभी आपने देखा होगा की लोक डाउन के कारण सारे उत्पादन और सारी सेवाएं बंद थी उसके कारण आवक में कमी आई।

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पिछले 10 साल की वार्षिक(annual) जीडीपी (2010-2021*)

ध्यान में रखे के यह 3 महीने की जीडीपी नहीं है यह वार्षिक जीडीपी है।

वर्ष (Year's)GDP Annual (वार्षिक)
2021*7.43% (अनुमानित)
2020*1.87%(अनुमानित)
20194.23%
20186.12%
20177.04%
20168.26%
20158%
20147.41%
20136.39%
20125.46%
20116.64%
201010.26%

2010 : 2010 में हमें जीडीपी का दर 10.26% देखने को मिला है जो दूसरे सालों से बहुत ज्यादा है।

2011: में जीडीपी के अंदर में 2010 के मुकाबले से कमी देखने को मिले हैं जो 6.64% पर आ चुका है।

2012: में हमें जीडीपी का दर 5.46% देखने को मिला है जो 2011 के मुकाबले कम है जो 2010 के मुकाबले से आधा हो गया।

2013: उसके बाद आता है 2013 जिसमें जीडीपी के दर में थोड़ी सी बढ़ोतरी हुई है जो आपको टेबल में साफ साफ दिखाई दे रहा होगा।

2014: आपको पता ही होगा कि 2014 में सरकार की बदली हुई थी और कुछ नए फैसलों के हिसाब से जुड़ी के जीडीपी के दौर में थोड़ी सी बढ़ोतरी देखी गई है।

2015: में भी जीडीपी का दर 2014 से मुकाबले ज्यादा है।

2016: के बाद आने वाले 4 सालों में जीडीपी की दर में कम हुआ है क्योंकि उस साल में डिमॉनेटाइज किया गया था नोटों को।

2017: में जीडीपी के दर में कमी आई है उसको आप दो कारण गिन सकते हैं एक डीमोनेटाइजेशन और एक GST।

2019-2018: में लगातार जीडीपी की दर में कमी देखने को मिली है उसके बहुत सारे कारण है। GST, डीमोनेटाइजेशन।

2020: आपको पता ही होगा कि 2020 में कोरोना का संकट आया था और अभी भी चल रहा है उसके कारण तीन चार महीने का लॉकडाउन भारत में कर दिया था उसके कारण सब व्यापार और धंधे और उत्पादन बंद हो गए थे उसके कारण जीडीपी में बहुत सारी गिरावट देखने को मिली है।

आप समझ गए होंगे कि जीडीपी क्या है (GDP Kya hoti hai) जीडीपी किस प्रकार काम करती है। जीडीपी के प्रकार कौन-कौन से होते हैं जुड़े भी जानना और समझना क्यों जरूरी है। जीडीपी हमारी अर्थव्यवस्था का आधार स्तंभ है और उसे समझना बहुत जरूरी है आगे ही ऐसे मजेदार पोस्ट पढ़ने के लिए ब्लॉक पर आते रहिएगा और यह पोस्ट अपने मित्रों के साथ शेयर करना ना भूले।

Banusinh Vaghela
Banusinh Vaghela

नमस्ते! मेरा नाम बाणु सिंह है और मैं एक तकनीकी लेखक हूँ। ये मेरी गर्व की बात है कि मैं तकनीकी ज्ञान को सरलता से समझाने और लोगों तक पहुंचाने का कार्य कर रहा हूँ।

मेरे शब्दों के माध्यम से, मैं तकनीकी मुद्दों पर चर्चा करता हूँ और लेखों के माध्यम से पाठकों को विस्तार से समझाता हूँ। मेरा उद्देश्य है कि तकनीक को सामान्य लोगों के लिए सुलभ बनाने और उन्हें तकनीकी जगत की नई विकास को समझने में सहायता करना।

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